🌑
वो थी इक मनहूस अमावस की रात 🌑
जिस दिन छूटा मुझसे बाबूजी🧍 का साथ,
मुझे जिन्दगी के मायने अभी सिखाने थे उनको,
मेरा हाथ 🤝पकड़ कर चलना सिखाना था उनको,
मुझे जमाने से लडकर जीतना💪 सिखाना था उनको,
माँ की याद आने न दी कभी प्यार💕 इतना बरसाया ,
दुनिया, जहान से बहुत न्यारे थे मेरे बाबूजी,
भीगने भी न दिए कोर मेरी ऑखों 👀के,
पर न जाने कैसी आयी वो अमावस🌑 की रात,
मेरा सब कुछ खत्म कर गई वो मनहूस अमावस🌑 की रात ।।
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