Tuesday, July 13, 2021

उत्सव

 🌹उत्सव 🌹


चहल-पहल से भरा हुआ था उस रोज घर 🏠मेरा,

कोई इधर और कोई उधर भाग🏃‍♀️ रहा था, 

हडबडी नही पर हलचल 💃🏼चारों तरफ मची थी,

बंदनवार 🥀🌺और जलबुत बिजलियों से हर दरवाजा⛩️ सजा हुआ  था,

इतने शोरशराबे के बीच धडकनें🫀 तेज मेरी थीं ,

बारात आ गई है ये सुन 🫀कलेजा मुँह को आ गया था, 

माना वो राजकुमार 🤴मेरे  अपने सपनों का था,

पर मुझे मेरे घर 🏠से तो दूर ले जाने आ रहा था, 

नयी दुनिया में जाने की इक ओर खुशी 💃🏼थी,

माँ-पिता के छूट जाने का दिल में गम😔 बड़ा था,

दुनिया की रीत है बेटी पराया करने की जो,

माता-पिता 👨‍👨‍👧‍👧खुशी-खुशी वो निभाने के लिए उत्सुक बड़े थे,

उस रोज 🌹उत्सव🌹 में हर  शख्स  खुश बहुत था,



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