Saturday, July 8, 2023

भूली बिसरी यादें

बचपन मेरी भूली बिसरी यादो  में जिंदा आज भी है 

मोहल्ले में बच्चों संग हुल्लड़ मचाना याद आज भी है, 

बादलों में बनते बिगड़ते चेहरे ढूंढना फिर याद आज भी है, 

बारिशों में भीग कर स्कूल से लौटना  याद आज भी है, 

 गिट्टी से खेलना  और मिटटी में सन जाना  याद आज भी है,

झूले पर पेंगे मारना और अचानक गिर कर उठ जाना याद आज भी है,

जेबों में मुरमुरा, रेवड़ी भर कर भाग जाना याद आज भी  है,

एक दुसरे संग मुस्कुराते, खिलखिलाते,

मस्तियों भरा वो बचपन फिर याद आज भी है, 

माँ संग बैठ अंगीठी की आंच तापान याद आज भी है, 

नहीं  कोई ऐसा जो मुझको बस एक बार लौटा के दे जाये,

बीते बचपन के दिन भूली बिसरी यादों का  समां याद आज भी है। 


Tuesday, July 13, 2021

गुलाब का फूल 🌹

 


मै और मेरी बगिया के वो गुलाब🌹 के अनमोल  पौधे 🌳

हर रोज उन पर अनगिनत फूलों 💐का खिल जाना, 

हम दोनों का आपस में एक दूसरे को देख मुस्कुराना 😊

भोर की किरण💫 की लालिमा सा उनका खिल जाना, 

मुझे मोहता है उनकी  महक और खिला चटक रंग, 

कभी धूप से बचाना उनको, कभी धूप में रख आना, 

कभी सूखती टहनी🌿 को काटना, कभी प्यार से सहलाना 🤲

कभी खुद के बालों में सजाना,कभी प्रभु चरणों 💅में चढाना, 

हाँ महसूस मैंने किया है उनकी खुशबू से  प्रभु का मुस्कुराना 💕

काँटों🌵 के बीच रह कर भी उन फूलों 💐का यूँ मुस्कुराना, 

मुझे जिन्दगी🫀 जीने के लिए  मुश्किलों से लडना सिखाते हैं वो,

अपनी तरह हर हाल में महकना।सिखाते हैं वो गुलाब🌹 के फूल, 

मै सोचती हूँ अक्सर मेरा रिश्ता 🤝उनसे शायद है बहुत पुराना, 

तभी तो बगिया के हर गुलाब के फूल🌹 दोस्त बन महकाते हैं मेरी दुनिया।।

मैं और मेरी बगिया के वो गुलाब के फूल 🌹🌹🌹🌹



✍️  Hem lata srivastava 


उत्सव

 🌹उत्सव 🌹


चहल-पहल से भरा हुआ था उस रोज घर 🏠मेरा,

कोई इधर और कोई उधर भाग🏃‍♀️ रहा था, 

हडबडी नही पर हलचल 💃🏼चारों तरफ मची थी,

बंदनवार 🥀🌺और जलबुत बिजलियों से हर दरवाजा⛩️ सजा हुआ  था,

इतने शोरशराबे के बीच धडकनें🫀 तेज मेरी थीं ,

बारात आ गई है ये सुन 🫀कलेजा मुँह को आ गया था, 

माना वो राजकुमार 🤴मेरे  अपने सपनों का था,

पर मुझे मेरे घर 🏠से तो दूर ले जाने आ रहा था, 

नयी दुनिया में जाने की इक ओर खुशी 💃🏼थी,

माँ-पिता के छूट जाने का दिल में गम😔 बड़ा था,

दुनिया की रीत है बेटी पराया करने की जो,

माता-पिता 👨‍👨‍👧‍👧खुशी-खुशी वो निभाने के लिए उत्सुक बड़े थे,

उस रोज 🌹उत्सव🌹 में हर  शख्स  खुश बहुत था,



दुनिया गोल है

 आज सुबह सवेरे कहाँ? मै बोली आज ऑफिस में बडी अर्जेन्ट प्रेजेन्टेशन है माँ जी, मैंने सब काम कर दिया है चलती हूँ आशीर्वाद दीजिये 🙌 कहकर रैना ऑफिस के लिए निकल गयी। 

शाम को लौटते समय मेट्रो के लिए इन्तजार कर रही थी तभी एक हाथ उसके कंधे पर आया,  मुडकर देखा समझ नहीं आ रही था कि वो अनजान कौन है!

बस पहचानने की कोशिश कर रही थी तभी वो बोली अरे मुझे पहचाना नहीं?

रैना ने न में  सर हिला दिया। 

मन मस्तिष्क अभी भी ऊहापोह में था तब तक मेट्रो आ गई और वो जाकर सीट पर बैठ गयी साथ में वो अन्जानी भी।

वह एक लिफाफा थमाते हुए बोली यह ले अपनी अमानत!

मैंने असमंजस में फिर उसकी ओर देखा!

तब उसने मुझे याद दिलाते हुए बोला मैं संगीता, कालेज में साथ ही थी वो बात अलग थी कि तूने मुझे अपने दोस्तों की फेरहिस्त से दूर रखा था, पर तेरा वह अहसान कभी नही भूल सकती। 

उस दिन मेरे कॉलेज की फीस भरने का आखिरी दिन था, घर से पैसों का इंतजाम हो नहीं सका था, हॉस्टल की भी फीस देनी थी अगर उस वक्त तूने इंतजाम नहीं किया होता तो आज शायद में यहां नहीं खड़ी होती आज मैं एक अच्छी कंपनी में मैनेजर रैंक पर हूं, सिर्फ और सिर्फ तेरी वजह से तेरी वजह से मेरा एमबीए कंप्लीट हुआ और अच्छी जॉब भी मिली!  मैंने पहली सैलरी से ही तेरा यह लिफाफा तैयार करके रखा था, तूने न हीं अपना नंबर दिया और ना ही एड्रेस" तेरे यह पैसे में कहां पहुंचाती, समझ में नहीं आ रहा था पर भरोसा था, यह दुनिया गोल है एक न एक दिन तो तू मिलेगी और आज  मिल गई।

 यह तेरे पैसे इसके लिए जितना भी शुक्रिया करूं कम है चलो आज चलते हैं, घर पर खाना खा कर फिर जाना। मैं बोली नहीं आज नहीं घर पर सासू मां इंतजार करती होंगी आज मैं जरा जल्दी निकली थी ,और  हम लोगों ने आपस में संपर्क बनाए रखने के लिए फोन नंबर एक्सचेंज किए।

 सही बात है दुनिया गोल है इंसान कभी ना कभी एक दूसरे से टकरा ही जाता है।


अमावस की रात 🌑

 🌑


वो थी इक मनहूस अमावस की रात 🌑

जिस दिन छूटा मुझसे बाबूजी🧍 का साथ, 

मुझे जिन्दगी के मायने  अभी सिखाने थे उनको,

मेरा हाथ 🤝पकड़ कर चलना सिखाना  था उनको,

मुझे जमाने से लडकर जीतना💪 सिखाना था उनको, 

माँ की याद आने न दी कभी प्यार💕 इतना बरसाया ,

दुनिया, जहान से बहुत न्यारे थे मेरे बाबूजी, 

भीगने भी न दिए कोर मेरी ऑखों 👀के, 

पर न जाने कैसी आयी वो अमावस🌑 की रात, 

मेरा सब कुछ खत्म कर गई वो मनहूस अमावस🌑 की रात ।।



वक्त की धार 📌

 


क्या है ये वक्त की धार?

हर पैमाने पर इन्सान को परखने का नाम है वक्त की धार, 

हर घड़ी नयी चुनौती के लिए तैयार करने का नाम है वक्त की धार, 

मंजिलों की ओर कदमों को बढाने का नाम है वक्त की धार, 

छुरी से भी तेज होती है दोस्तों ये वक्त की धार,

जो घायल हो गया वो मार खाता है वक्त की धार से, 

जो जीत कर मंजिल पा जायँ उनका साथ देती है वक्त की धार।।


खत जो भेज न सके

✍✍

कुछ थी उम्र कच्ची, कुछ नादानियाँ, 💕

तुमको देखा तो धडकनें🫀 हो गयी थी जवाँ ,

देखते ही दिल दे बैठे थे, मन भी बस में नहीं था, 

जाने ये प्रेम था, या अल्हड़ 👩‍🦰जवानी का भ्रम था, 

उस रोज से कई पन्नों 🗒️पर कुरेदे थे अल्फाज़ों के मोती, 

अन्जान थी मैं तुम्हारे दिल 🫀के जज्बातों से,

हर रोज लिखती ✍️रही थी अपने दिल🫀 के हालात उन खतो 🗒️में, 

इक गुलाब 🌹 का फूल भी हर खत में रख देती थी,

पता न पता था, 😔न खबर कोई तुम्हारी थी,

दिल 🫀का चैन छीन, जाने कहाँ तुम खो गए थे, 

संजोये थे बडे सिद्दत💕 से मैंने उन खतों को,

इत्र की खुशबुओं से भी तरबतर उन खतो 💌को  किया था, 

पिरोये हैं अपना हाल-ए-दिल उन सुनहरे पन्नों पर ,

आज भी बेचैन हूँ क्योंकि न भेज सकी मैं उन खतो🗒️ को।