Thursday, February 18, 2016

खराश सी दिल में है,

१. कहते हैं दिल के करीब होते हैं जो सबसे अधिक, अक्सर वो ही दूर-दूर रहते हैं,

न जाने क्यों अपने ही अपनों को सबसे अधिक धोखा जिंदगी में देते हैं,


२. सोचती हूँ जब भी  बेवफाई को हम कर देंगे नज़रअंदाज़

बस उस ही पल दिखाई देता है, तेरी बेवफाई का एक नया अंदाज़,


३. तुम अपनी हर खता हमसे छुपाना क्यों चाहते हो मालूम नहीं,

माफ़ किये जाते हैं  हम फिर भी हर पल तेरी हर खता को यूँ ही,

 

४. जिंदगी तुझसे नाराज़ तो नहीं हूँ फिर भी कुछ खराश सी दिल में है,

जो थे दिल के करीब मेरे दिल  के वो ही कुछ खरोंच दिए जाते हैं ,

 

५.  उदास सी  हूँ आज, गम अपने बाँट लूँ किस संग आता नहीं समझ मुझको,

काश!  तुम ही दिल के इतने करीब होते तो दिले-हाल सुना देते तुझको,

 

६. हमारे गालों  पर बनी लकीरों के निशाँ नहीं नज़र तुमको आते हैं,

हर रोज़ तेरी बेवफाई का एक नया नज़ारा देख जो लुढ़क आँखों से आते हैं॥




 

Friday, February 12, 2016

मौसम की मार

एक मुट्ठी चावल बीते चार दिनों से,

छत की मुंडेर पर रखे थे हमने,

कम एक दाना भी न हुआ, मन में बड़ा मलाल इस बात का था,

न जाने कहाँ गुम हो गए हैं चहचहाते वो पक्षियों का टोला,

मौसम की मार में उनकी चहचाहट भी सुन्न सी पड़ रही है,

न दरख्तों पर, न दालानों में, न किसी की छत पर ही ,

अब वो गौरैया कहीं भी नज़र कभी आती है,

घरों की कहलाने वाली वो गौरैया टहनियों पर भी नहीं आती नज़र हैं,

छतों को छोड़िए अब तो दालान भी न रह गए हैं,

आँगन भी बालकनी में बदलने लग गए हैं,

कागा की कांव-कांव भी अब कुछ कम ही सुनाई देने लगी है,

सूखे दरख्तों पर वो गिद्ध भी नज़र आते नहीं हैं,

मृत जीवों को नोचते- खसोटते न कौवे- चील- गिद्ध नहीं दिखते,

दूर देश से  आने वाले पक्षियों का कारवां अब कम सा होने लगा है,

तालाबों में इठलाती, पानी में खिलखिलाती बतखें भी नहीं मिलती है,

सिमट रहा है संसार, जीव- जंतु मौसम और प्रदूषण की मार से॥ 

 

 

 

 


Tuesday, February 2, 2016

बेहतर,सुनहरी सुबह बेहतर दिन #Colgate360GoldMornings

सुबह की ठंडी हवाएं सुकून भरा अहसास दिलाती हैं, सूरज की किरणें धरा पर ऐसा अहसास दिलाती हैं मानों सोने की पर्त बिछी हो।

मैं हमेशा ही अपनी सुबह को और अधिक ताज़ा बनाने के लिए बागवानी करती हूँ, पौधों में पानी देना ऐसा और उनको देखना ऐसा लगता है सुबह और हसीं बन गयी हैं। बागवानी करना सुबह की तरोताज़ा हवा में अपने पौधों के बीच मंद- मंद टहलना ऐसा लगता है की शरीर में फिर से नई स्फूर्ति आ गयी हो.
सबकी दिनचर्या में सुबह उठकर सबसे पहले मुँह की सफाई  करना मुख्य होता है,  मेरा भी है , मैंने अपने दांतों की देखभाल के लिए हमेशा ही कोलगेट के उत्पादों का ही इस्तेमाल किया है , फिर चाहे वह ब्रश हो या पेस्ट.
हमने  सपरिवार कोलगेट के सुरक्षात्मक और बेहतर उत्पादों को ही अपने जीवन में शामिल किया हुआ है।
और अब तो कोलगेट के #कोलगेट ३६० गोल्ड ब्रश को इस्तेमाल करके पूरे दिन ताज़गी और स्फूर्ति का अहसास कायम रहता है।
#Colgate360GoldMornings

स्वस्थ शरीर का आधार ही स्वस्थ दांत, और पेट है।   कोलगेट टोटल पेस्ट को कोलगेट के ३६०चारकोल गोल्ड टूथब्रश पर लगाकर दांतों को साफ़ करने के बाद ऐसा महसूस होता है की दांतों में सोने सी चमक आ गयी हो.
#कोलगेट ३६० चारकोल गोल्ड से ब्रश करने के बाद खुलकर मुस्कुराने का दिल करता है।  इसके बाद अपना नास्ता, खाना और दिनचर्या शुरू करने के लिए एक नयी स्फूर्ति प्राप्त होती है।
कोलगेट का तहे दिल से शुक्रिया।  इसके बारे में और अधिक जानकारी के लिए हम कोलगेट के ऑफिसियल लिंक पर सर्च कर सकते हैं.