परिणाम
लो खिल गया कमल और अच्छे दिन आ गए,
हांथों ने हाथ का साथ छोड़ दिया है।
आप की शमा तो ऐसी बुझी कि निशाँ
क़दमों के भी नज़र नही आ रहे हैं।
अब देखना बस इतना है कि कमल कितने,
रंगों में खिल कर शमा बिखेरता है ,
इंतज़ार अब बाद उन अच्छे दिनों का है ,
रामराज्य तो नहीं पर सुन्दर राज्य तो बन ही जायेगा ।
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