Thursday, May 1, 2014
जिंदगी
गर्म थपेड़ों ने चेहरे झुलसाने शुरु कर दिये हैं,
पर नहाने के लिये पानी तो मिलना चाहिए ,
कि कूलर मैं डेंगू का लार्वा ढ़ूँढ़ने लोग आने लगे हैं ,
पर पानी ठंडा करने को बिजली भी तो होनी चाहिए ,
ठंडी हवाओं का लुत्फ़ लेने को चले जायेँ ,
पैसे भी चाहिएं,रिजर्वेशन भी मिलना चाहिए ,
होटल में कमरा भी तो मिलना चाहिए ,
ठंडा पानी पीकर हरि के गुन गाओ ,
जब न होते थे कूलर ,फ़्रिज़, और ए सी,
,,,,,,,,,,जिंदगी जैसी है ,जियो यारोँ वैसे ही ,
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