१. पहलू में अभी थे,जाने कहाँ चले गए,सारे जहाँ की खुशियां हमको थमा गये।
ढूंढते रह गए हम नज़र कहीं नहीं आये,आहट भी नही हूँ वो सामने नज़र आये ॥
_______________________________________________________________२. थाम दिल की धड़कन जुदा हो रहे थे,चिलमन की ओट से वो मुस्कुरा रहे थे।
मुस्कुराहट में दर्द-ऐ-दिल छुपा रहे थे,जाएँ कैसे हम उनके अश्क रास्ता रोक रहे थे।।
__________________________________________________________________३.इस शहर में आये हुए चार दिन न हुए थे ,तुम्हें मिलकर अभी चार पल न हुए थे ॥
नैन तेरे दीदार को हर पल क्यों तरसते थे,लब भी चार लफ्ज कहने को तरसते थे ॥
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