Friday, January 24, 2014

तमन्ना

१. निगाहों में तुम ,मंजिलों में तुम्ही हो ,
                       ये पूछो किसी से कहाँ तुम नहीं हो ।
मेरी चाहतों में तुम हो मेरी आरजू में
                     ,जहाँ  तक नज़र हो वहीँ तुम ही तुम हो ।
तमन्ना यही तेरे क़दमों में सर हो,
                      चुरा लूँ वो नज़रें कि जिनमें बसे हो ।



२. सागर सी गहरी आँखों में देखते ही रह गए ,

                         अपने ही सीने में दिल अपना हम ढूंढते रह गए ॥ 


३. तमन्ना है दिल में आपके इस तरह समां जाएं ,
                                   हर पल आपको सिर्फ हम ही हम  याद आयें ॥ 

४. समंदर के फेन से नज़्म लिखना चाहती हूँ ,
                                      तेरे दिल के आईने में अपना ही अक्स देखना चाहती हूँ ॥ 

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