एक नयी शुरुआत
चलो इक बार फिर नयी शुरुआत के करते हैं,
मंजर भयावह जो बीत गया उसे भूल
अपनों संग दो घड़ी के लिए फरियाद करते हैं
न अब कोई किसी का न टूटे, बिखरे हुए हैं जो उनके लिए अरदास करते हैं
न अब किसी का अपना बिछुडे,न कोई अब बेसहारा रह जाये
चलो सब मिलकर एक बार खुदा से
इस जहाँ के लिए फरियाद करते हैं
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