बरसात की रात ⚡⚡⛈️⛈️
ताउम्र याद रहेगी मुझे वो ठिठुरती बरसात की रात, ⛈️⛈️
याद तुम भी बहुत आई थी माँ 👩👦उस बरसात की रात,
दस बरस की मै, अक्ल से भी न बडी न थी बहुत,
थी दिसम्बर की ठिठुरती, कंपकंपाती सी वो अंधेरी रात,
इक तरफ पानी झमाझम बरसना, आसमां में बिजली ⚡⚡का तडकना,
जा रहे थे बाबूजी, अपने काम से टूर पर उस रात, 🚆
न थी उस दिन गैस और लकडियाँ भी नम हो रही थी,
बनाना था भोजन रास्ते में ले जाने के वास्ते,
वो इक ओर बाबूजी का बडबडाना, और मेरे हाथों का काँप जाना,
जितनी बार भी चूल्हे को जलाती, उतना धुएं से ऑखों का जल जाना,
बन तो गये आलू 🥔🥔जैसे तैसे,अब था पूरी के लिए जुगत लगाना,
ठंड से तन काँप रहा था, मन का वो डर से कंपकंपाना, 😫
माँ तेरा न होना मुझे अंदर तक रूला रहा था उस रात,
कडाही को चढा चूल्हे पर, नन्हें हाथों से पूरियाँ का बेलना,
भीगी लकडियाँ का सुलगना दूजी ओर पूरियों का ऐंठ जाना,
बरसती बूंदों का तेल में गिरना और तेल का कडकडाना,
एक हाथ से कडाही में पूरी डालना तो दूजे से थाली का ढक देना,
न जाने कैसे बनाये था बाबूजी और सबके वास्ते मैंने निवाले,
ठंड में कांपते हाथों से बर्तन मांजना, बिस्तर का लगाना,
माँ बहुत रोईं थी सिसक-सिसक उस बरसात⛈️⛈️ की रात,
तेरे दामन को मुझसे छीनने के वास्ते😭 नाराज़ उस खुदा से थी उस रात,
उम्र के इस पड़ाव में आकर भी नहीं भूलती मुझे वो बरसात ⛈️ की रात।