Saturday, September 2, 2017

जाना पहचाना सा लग रहा है,

आसमान आज कुछ जाना पहचाना सा लग रहा है,
वो ही बचपन वाला जैसा ही कुछ दिख रहा है,
दूर गगन में चुपके से बादलों में झांक चाँद भी  रहा है,
खूबसूरती वो अपनी कुछ इस तरह से बिखरा रहा है,
हर ओर अपना दूधिया उजाला वो चमका रहा है,
आज फिर एक बार आसमान वो बचपन वाला ही लग रहा है,
छिटपुट बादलों का जमावड़ा भी इधर उधर इठला रहा है,
न जाने क्यों आज आसमान फिर कुछ जाना पहचाना सा लग रहा है,