Monday, June 29, 2015

फर्ज है हमारा,

एक आंसू भी निकलने न दिया जिन्होंने हमारा,

उनकी आँखों को नम न करने का फर्ज है हमारा,

दौड़ आते थे जो एक ही आवाज़ पर हमारी ,

उनकी आवाज़ को अनसुनी न करें फर्ज है हमारा,

अपनी बातों से मन जिनका बेचैन किया था कभी हमने,

उनकी बातों को बैठ सुनले ये ही फर्ज है हमारा,

हर जिद को पूरा किया है जिन्होंने हमारी ,

छोटी- छोटी जरूरतों को हम करें पूरीं फर्ज है हमारा ,

सजा कमरे को हमारे खुद को कोने में रखा था जिन्होंने ,

उनकी खातिर आशियाना सजाएं ये फर्ज है हमारा ॥


Sunday, June 21, 2015

विश्व योग दिवस

योग का अर्थ सिर्फ कसरत का नहीं बल्कि मन्त्रों द्वारा अपने तन और मन के शुद्धिकरण की एक प्रक्रिया है ,
न होता गर कोई लाभ तो योग पर इतना जोर न होता ,हर तरफ योग करने के लिए कोई जोर न होता ,

आप गर योग नहीं करेंगे तो कोई आपको बांध कर नहीं कर सकता।
आज जिंदगी यूँ लगती है की जैसे बस भागी जा रही है, हर कोई तनहा भी है, और हर कोई परेशान भी ऐसे में योग ही एक ऐसा साधन है जो आपकी मानसिक,शारीरिक और पारिवारिक जीवन में शांति ला  सकता है ऐसा योग गुरुओं का मानना है।
योग दिवस के लिए  जहाँ तक मेरा मानना है की यह एक पर्व की तरह मनाया जाना चाहिए ,केवल आज ही नहीं परन्तु हमेशा ही एक पर्व की तरह मनाया जाना चाहिए।
जिस भारत देश को १० लोग जानते थे आज  विश्व योग दिवस के जरिये ही काम से काम विश्व भर में जाना जाने लगा है।
कोई कहता है की ये सब नौटंकी है तो ठीक है जो लोग कह रहे है क्या वो ये नौटंकी कर सके नहीं न, फिर जब अंगूर न मिलें तो खट्टे है।
हमें तो गर्व होना चाहिए युगों से चली आ रही परम्परा को आज नया आयाम मिला है।

Sunday, June 14, 2015

बारिश

तपिश से जलती, तप्ती धरा पर बारिश की दो ही बूंदों ने जैसे अमृत सी राहत दी है ,

यहाँ, वहां, इधर- उधर धीरे से मानों मानसून ने दस्तक दी है ,

सूखे से, मुरझाये से खड़े दरख्तों पर बूँद जैसे मोती से चमक रहे हैं ,

गर्द धूल की जिन पर जम गयी थी बूंदों में नहाकर निखर गयी है ,

सुर्ख लाल दहकते चेहरों पर एक बार रौनक फिर लौट आई है ,

मौसम की पहली ही  बारिश में हर ओर हरियाली सी छा गयी है ॥