आज आंसुओं ने एक बार फिर भिगो दिया है आँचल,
उनके लफ़्ज़ों ने मेरे सीने को छलनी किया है ,
बात ऐसी भी न थी कि दर्द हमको दे दिया है ,
उनकी बातों ने हमेशा ही मुझे तन्हा किया है ॥
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कोई इस तरह से किसी से बेवफाई करता है क्यों ,
जो है दिल आपके सीने में मेरे सीने में पत्थर तो नहीं है ,
ज़ख्म इतने तो न दो ऐ मेरे सनम जो नासूर बन जाये,
कोरे कागज पर सिर्फ तेरा ही नाम लिखा रखा है ॥
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