Thursday, June 24, 2021

पहली झलक

 उम्र अल्हड़ थी, बेफिक्र💃🏼 सी इधर उधर चहकती  रहती थी, 

इम्तिहान के लिए घर से निकली ही थी, कदम जल्दी-जल्दी🏃‍♀️ बढाती जा रही थी, 

नरम, मुलायम वो छोटे से हाथों ने🤲मुझे इक कागज का टुकड़ा🗒️ थमा गया था, 

इक पल के लिए दिल 🫀धडका, खुद को सम्हाला, हाथों 🤲के पसीने को पोंछ बढ गई थी, 

हाथ इम्तिहान ✍️✍️में व्यस्त थे पर दिल उस टुकड़े में था, 

रात नींद कोसों दूर थी, कागज के टुकड़े पर लिखे अल्फाज़ पढूं कैसे,

ऊहापोह में कब नींद 😞आ गई पता ही न चला,

मुट्ठी में दबे टुकड़े 🗒️की सरसराहट से नींद जो खुली,

धडकते दिल 🫀से अल्फाज़ों को पढ़े जा रही थी, 

जिसको देखा न था, कभी सामना ही न हुआ जिससे था,

प्यार के इज़हार संग मिलने का मुझसे मनुहार उसने किया था, 

चल पडी थी उस अन्जान से मिलने, कदम भी थरथरा रहे थे, 

 मिली जिस घड़ी उसकी पहली झलक  तन बदन में हुई झनझनाहट मुझे याद आज भी है। 

वो पहली झलक, पहली मुलाकात😊💐 याद आज भी 


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