Monday, September 7, 2015

#My2MinutePoem बस यूँ हीं

हम शबनम की वो बूँद हैं,
हाथों से यूँ ही गुम हो जायेंगे,
पर सितारों की वो टिमटिम हैं, 
दिलों के आस्मां पर हरदम ही रह जायेंगे,
इस खौफ के साथ जीते ही रहेंगे,
 न जाने कब इस शाम का दिया, 
हवा के एक झोंके से बुझ जायेगा,
एक किरण सी इस मन के किसी कोने में फिर भी है,
एक रोज़ आकर वो आसरा हमें दे ही जायेंगे,
मेरे लवों को अपने प्यार से सी जायेंगे ॥


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