वक़्त जो बुरा आया है टल जायेगा ,
रात अँधेरी हो कितनी ही फिर सवेरा आएगा ,
गम की घटाएं गर आयीं है फ़िक्र न करना ऎ दोस्त,
ये वक़्त भी गुजर जायेगा
आस्मां मैं बैठे फरिस्ते पर हर वक़्त रखना भरोसा ,
गर अँधेरा दिया है उसने तो उजेला भी वो ही देगा ॥
हर रोज सभी के जीवन में मुश्किलें तो आती हैं ,
गर हो भरोसा अपने पर न कोई कदम डिगा पायेगा ॥
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