Monday, August 4, 2014

bharosa


वक़्त जो बुरा आया है टल जायेगा ,

रात अँधेरी हो कितनी ही फिर सवेरा आएगा ,

गम की घटाएं गर आयीं है फ़िक्र न करना ऎ दोस्त,

ये वक़्त भी गुजर जायेगा

आस्मां मैं बैठे फरिस्ते पर हर वक़्त रखना भरोसा ,

गर अँधेरा दिया है उसने तो उजेला भी वो ही देगा ॥

हर रोज सभी के जीवन में मुश्किलें तो आती हैं ,

गर हो भरोसा अपने पर न कोई कदम डिगा पायेगा ॥ 


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