आज फिर दिल तोड़ चल दिए वो इस तरह,
एक बार फिर मन उदास कर चल दिए इस तरह से वो,
सुनाएं किसको, मन में उमड़ते सवालों को
क्यों हर बार गलती करके भी मुकर जाते हैं वो,
चाहा हमने दिल की गहराइयों से उनको था,
हर बार क्यों दिल तोड़ के चले जाते हैं वो,
हम चले थे अपना बनाने , बेगाना कर क्यों चले जाते है वो,
यूँ इस तरह से पराया कर दिया करते हैं क्यों,
मुझे इस तरह तन्हाई में छोड़ क्यों चले जाते हैं वो | |
यही जिंदगी है ... अच्छी रचना ...
ReplyDeleteअच्छी भावुक अभिव्यक्ति ।
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