यूँ ही दिल के आइनों में झांक कर देखो कभी,
आंख बंद करके तेरी ही सूरत निहारती हूँ,
खुली आँखों से तेरे ही सपने बुनती हूँ,
तेरी चाहत में इस कदर डूब गए गए हैं,
नज़र कोई और आता नहीं मुझको,
कोर से एक आँसू न गिर जाये इसी फ़िक्र में जिए जाती हूँ,
तेरी यादों के सहारे जिंदगी हूँ ही गुजारे जाती हूँ ॥
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