१. निगाहों में तुम ,मंजिलों में तुम्ही हो ,
ये पूछो किसी से कहाँ तुम नहीं हो ।
मेरी चाहतों में तुम हो मेरी आरजू में
,जहाँ तक नज़र हो वहीँ तुम ही तुम हो ।
तमन्ना यही तेरे क़दमों में सर हो,
चुरा लूँ वो नज़रें कि जिनमें बसे हो ।
२. सागर सी गहरी आँखों में देखते ही रह गए ,
अपने ही सीने में दिल अपना हम ढूंढते रह गए ॥
३. तमन्ना है दिल में आपके इस तरह समां जाएं ,
हर पल आपको सिर्फ हम ही हम याद आयें ॥
४. समंदर के फेन से नज़्म लिखना चाहती हूँ ,
तेरे दिल के आईने में अपना ही अक्स देखना चाहती हूँ ॥
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