Sunday, June 21, 2015

विश्व योग दिवस

योग का अर्थ सिर्फ कसरत का नहीं बल्कि मन्त्रों द्वारा अपने तन और मन के शुद्धिकरण की एक प्रक्रिया है ,
न होता गर कोई लाभ तो योग पर इतना जोर न होता ,हर तरफ योग करने के लिए कोई जोर न होता ,

आप गर योग नहीं करेंगे तो कोई आपको बांध कर नहीं कर सकता।
आज जिंदगी यूँ लगती है की जैसे बस भागी जा रही है, हर कोई तनहा भी है, और हर कोई परेशान भी ऐसे में योग ही एक ऐसा साधन है जो आपकी मानसिक,शारीरिक और पारिवारिक जीवन में शांति ला  सकता है ऐसा योग गुरुओं का मानना है।
योग दिवस के लिए  जहाँ तक मेरा मानना है की यह एक पर्व की तरह मनाया जाना चाहिए ,केवल आज ही नहीं परन्तु हमेशा ही एक पर्व की तरह मनाया जाना चाहिए।
जिस भारत देश को १० लोग जानते थे आज  विश्व योग दिवस के जरिये ही काम से काम विश्व भर में जाना जाने लगा है।
कोई कहता है की ये सब नौटंकी है तो ठीक है जो लोग कह रहे है क्या वो ये नौटंकी कर सके नहीं न, फिर जब अंगूर न मिलें तो खट्टे है।
हमें तो गर्व होना चाहिए युगों से चली आ रही परम्परा को आज नया आयाम मिला है।

No comments:

Post a Comment