Friday, June 10, 2016

#MyStory दीदार तेरा करती

जन्म देने तक का साथ निभाया था उसने,
न जाने किस खता सजा दी हमको उसने,
एक बार निगाह भर देख तो लेती तुमको,
मैं भी औरों की तरह तेरे गर्म आंचल में छिप लेती,
तेरे चेहरे की हलकी सी धुंध मेरी यादों के अँधेरे में अब भी है,
काश कोई पल ऐसा फिर आ जाये,
तुझे जी भर अपने नयनों में बसा कर रखूं,
अपनी फरमाइशों की फेहरिस्त तुझे सूना लूँ, 
तोतली आवाज़ से फिर तुझे एक बार बुला लूँ,
ऐ! मेरी माँ, मेरी भी चाहत थी उम्र भर दीदार तेरा करती ॥ 



1 comment:

  1. माँ का दीदार हमेशा ही होता है मन में...

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