१. कहते हैं दिल के करीब होते हैं जो सबसे अधिक, अक्सर वो ही दूर-दूर रहते हैं,
न जाने क्यों अपने ही अपनों को सबसे अधिक धोखा जिंदगी में देते हैं,
२. सोचती हूँ जब भी बेवफाई को हम कर देंगे नज़रअंदाज़
बस उस ही पल दिखाई देता है, तेरी बेवफाई का एक नया अंदाज़,
३. तुम अपनी हर खता हमसे छुपाना क्यों चाहते हो मालूम नहीं,
माफ़ किये जाते हैं हम फिर भी हर पल तेरी हर खता को यूँ ही,
४. जिंदगी तुझसे नाराज़ तो नहीं हूँ फिर भी कुछ खराश सी दिल में है,
जो थे दिल के करीब मेरे दिल के वो ही कुछ खरोंच दिए जाते हैं ,
५. उदास सी हूँ आज, गम अपने बाँट लूँ किस संग आता नहीं समझ मुझको,
काश! तुम ही दिल के इतने करीब होते तो दिले-हाल सुना देते तुझको,
६. हमारे गालों पर बनी लकीरों के निशाँ नहीं नज़र तुमको आते हैं,
हर रोज़ तेरी बेवफाई का एक नया नज़ारा देख जो लुढ़क आँखों से आते हैं॥
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