Saturday, October 31, 2015

मेरा सच्चा प्यार

हम तो बस हैं उस खुदा के मुरीद, जहाँ में जन्म लेने का मिला है जो अवसर हमको,
उसकी बनायीं धरा खूबसूरत, घाटियां खूबसूरत, पहाड़ खूबसूरत,
वादियां खूबसूरत, नदी की धारा मिले समंदर में वो नज़ारा खूबसूरत,
न कोई बना सकता इससे खूबसूरत कोई मंज़र खूबसूरत,
नज़र जाये जिस तरफ भी जिस शख्स पर वो हर शख्स खूबसूरत,
उसकी पूजा से मिले जो शांति वो सुकून बहुत ही खूबसूरत,
सोचते हैं सब मैं सबसे बड़ा, सबसे खूबसूरत मेरी नज़र में तो उसका नूर खूबसूरत,
उसके नैनों में खुद को बसा लूँ, दिल में अपने उसकी तस्वीर बसा लूँ ,
ऐ दुनिया बनाने वाले इस धरा पर तुझसे अलबेला न कोई और है ,
न है कोई इस जहाँ में जिसको चाहूँ इस कदर तू अपनी रहमत हम पर रखना,
हम तो बस है उस परमात्मा से प्यार , उसकी नज़रों में हैं हम सबसे खूबसूरत ॥


No comments:

Post a Comment