बात ऐसी कह गए सोचा भी न कि हम पर गुजरेगी क्या ,
दर्द दिल में हुआ बिना आवाज था उनको पता क्या ,
सहें भी कितना हम ये उनसे पूछना तो चाहते है भला,
सुनने वाला न कोई यहाँ हाले दिल करें जो बयां ॥
उनकी बातों ने आज दिल के टुकड़े कर दिए हैं हजार,
ढूंढेंगे भी तो भी न मिलेगा एक यहाँ और एक वहाँ क्या ,
चुभन को महसूस कर लिया कह न सकेंगे किसीसे ,
ऐसा तनहा उनकी बातों ने आज हमको कर दिया ॥
नासूर सा दर्द दिल को दे दिया सोच भी नहीं ,
हम तो आपके ही थे हमको फिर ऐसा दर्द क्यूँ अपने दिया ॥
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